ICC Hall of Fame क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, हमारे देश की धड़कन है। हर चौका-छक्का, हर विकेट हमें रोमांच से भर देता है। लेकिन जो खिलाड़ी सालों तक अपने खेल से लोगों के दिलों पर राज करते हैं, उन्हें सिर्फ ट्रॉफी से नहीं बल्कि इतिहास में जगह मिलती है – और यही जगह है ICC Hall of Fame।
International Cricket Council (ICC) ने इस हॉल ऑफ फेम की शुरुआत 2009 में की थी, जिसमें उन दिग्गज क्रिकेटर्स को शामिल किया जाता है जिन्होंने खेल को एक अलग मुकाम पर पहुंचाया।
ये कोई आम अवॉर्ड नहीं है
आपने कई अवॉर्ड देखे होंगे – मैन ऑफ द मैच, प्लेयर ऑफ द सीरीज, ऑरेंज कैप, पर्पल कैप वगैरह। लेकिन ICC Hall of Fame उनसे अलग है। यहाँ नाम आने का मतलब है कि खिलाड़ी ने सिर्फ रन या विकेट ही नहीं बनाए, बल्कि क्रिकेट को नई दिशा दी है।
Hall of Fame में शामिल होने के लिए जरूरी हैं ये शर्तें
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खिलाड़ी ने इंटरनेशनल क्रिकेट से कम से कम 5 साल पहले संन्यास लिया हो।
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उसने अपने करियर में असाधारण प्रदर्शन किया हो – चाहे वो बल्लेबाज हो, गेंदबाज हो या ऑलराउंडर।
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क्रिकेट की प्रतिष्ठा बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो – मैदान के अंदर और बाहर।
भारत के वो सितारे जिनका नाम है इस हॉल में
1. सचिन तेंदुलकर
क्रिकेट के भगवान को तो ये सम्मान मिलना ही था। उन्होंने 2013 में रिटायरमेंट लिया और 2019 में हॉल ऑफ फेम में शामिल हुए। 100 अंतरराष्ट्रीय शतक – क्या कोई भूल सकता है?
2. कपिल देव
1983 में इंडिया को वर्ल्ड कप जितवाने वाले ये ऑलराउंडर 2010 में Hall of Fame का हिस्सा बने।
3. अनिल कुंबले
619 टेस्ट विकेट्स और वो भी बिना किसी स्लेजिंग या दिखावे के – कुंबले जी की जगह इस क्लब में पक्की थी।
4. राहुल द्रविड़
The Wall को कौन भूल सकता है? उनकी टेक्निक, संयम और क्लास ने उन्हें 2018 में Hall of Fame तक पहुंचाया।
5. बिशन सिंह बेदी, सुनील गावस्कर, और वीनू मांकड़
पुराने दौर के ये खिलाड़ी भी इस हॉल का हिस्सा बन चुके हैं, जिन्होंने मुश्किल दौर में भी इंडिया को ग्लोबल मंच पर पहचान दिलाई।
ICC Hall of Fame के फायदें सिर्फ सम्मान तक सीमित नहीं हैं
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दुनियाभर की रेस्पेक्ट: जब कोई खिलाड़ी इस क्लब में शामिल होता है, तो पूरी दुनिया उसके नाम को सर झुकाकर याद करती है।
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क्रिकेट कम्युनिटी में योगदान: Hall of Fame सदस्य भविष्य में ICC के कई निर्णयों, कमेटियों और डिस्कशन का हिस्सा बनते हैं।
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युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा: एक प्रकार से ये खिलाड़ी रोल मॉडल बन जाते हैं – जो दिखाते हैं कि मेहनत और लगन से क्या हासिल किया जा सकता है।
हॉल ऑफ फेम का चयन कैसे होता है?
हर साल एक चयन पैनल बैठता है जिसमें पूर्व खिलाड़ी, क्रिकेट कमेंटेटर और एक्सपर्ट्स होते हैं। वे कई मानकों के आधार पर खिलाड़ियों की समीक्षा करते हैं और फिर वोटिंग के ज़रिए नए नाम चुने जाते हैं। कुछ सालों में 3 से 5 खिलाड़ी शामिल किए जाते हैं।
क्या भविष्य में विराट कोहली और धोनी होंगे शामिल?
इस सवाल का जवाब तो शायद पहले से ही सबको पता है।
महेंद्र सिंह धोनी – 2 वर्ल्ड कप जिताने वाला कप्तान, फिनिशिंग किंग और सबसे शांत कप्तान।
विराट कोहली – 70+ इंटरनेशनल शतक, आक्रामक कप्तानी और फिटनेस का नया स्टैंडर्ड।
ये दोनों खिलाड़ी जब रिटायर होंगे, तो ICC Hall of Fame में उनका आना बस वक्त की बात होगी।
क्रिकेट के इतिहास को सहेजने की कोशिश
ICC Hall of Fame सिर्फ ट्रॉफी या मेडल नहीं है। यह उस इतिहास को संभाल कर रखने की कोशिश है, जिसने इस खेल को दुनिया के सबसे प्यारे खेलों में से एक बनाया। यहाँ न केवल रन और विकेट की बात होती है, बल्कि खेल भावना, टीम स्पिरिट और प्रेरणा की भी बात होती है।
निष्कर्ष
ICC Hall of Fame वो आइना है जिसमें हमें क्रिकेट का असली रूप दिखता है – मेहनत, समर्पण और सालों की लगन। यह सिर्फ सम्मान नहीं, बल्कि एक विरासत है। और जब भी कोई नया नाम इसमें जुड़ता है, तो वो सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि पूरी एक पीढ़ी को सम्मानित करता है।